अबु धाबी: भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अगले महीने होने वाली चार मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए ऋषभ पंत की अनुपस्थिति में विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में ईशान किशन एक मजबूत विकल्प होंगे।
इशान को 9 फरवरी से नागपुर में शुरू होने वाली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए भारत की टेस्ट टीम में पहली बार शामिल किया गया था।
यूएई में इंटरनेशनल लीग टी20 में कॉमेंट्री कर रहे अजहर ने कहा कि पंत के साथ जो हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन इशान की बल्लेबाजी की आक्रामक शैली उन्हें विकेटकीपर-बल्लेबाज के स्थान का प्रबल दावेदार बनाती है।
दिसंबर के अंतिम सप्ताह में दिल्ली से रुड़की जाते समय एक कार दुर्घटना में पंत गंभीर रूप से घायल हो गए थे। कई चोटों से उबरने के कारण उन्हें 2023 सीज़न के अधिकांश समय के लिए दरकिनार कर दिया जाएगा।
अजहर ने कहा, ‘ईशान किशन को उनकी हालिया फॉर्म के आधार पर भारतीय टेस्ट टीम में चुना गया है, मुझे लगता है कि वह विकेटकीपर बल्लेबाज के विकल्प के प्रबल दावेदार होंगे। वह बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं।’
हालांकि केएस भरत की मौजूदगी से ईशान के लिए टेस्ट टीम की अंतिम एकादश में जगह बनाना आसान नहीं होगा.
भरत अब लगभग एक साल से टीम के साथ हैं और पिछले चार प्रथम श्रेणी मैचों में तीन अर्धशतक लगा चुके हैं। इसमें बांग्लादेश ए के खिलाफ भारत ए का प्रतिनिधित्व करते हुए 77 रन की एक पारी भी शामिल है।
बांग्लादेश के खिलाफ दोहरा शतक लगाने के बावजूद किशन वनडे टीम में अपनी जगह बरकरार नहीं रख पाए।
अजहर ने ईशान और सूर्यकुमार यादव को टेस्ट टीम में लेने के फैसले की सराहना की, लेकिन इस बात से खुश नहीं थे कि इन दोनों को श्रीलंका के खिलाफ पहले दो वनडे के लिए नहीं चुना गया था।
अजहर ने कहा, “जब खिलाड़ी फॉर्म में होता है, तो उन्हें बेंच पर रखना सही नहीं होता है। सूर्यकुमार यादव में तीनों प्रारूपों में भारतीय टीम के लिए खेलने की क्षमता है। उन्होंने अपने आखिरी रणजी मैच में भी अच्छा प्रदर्शन किया है।”
उन्होंने कहा, ”जितना मैंने सूर्यकुमार की बल्लेबाजी देखी है, मैं कह सकता हूं कि रोहित शर्मा और विराट कोहली की तरह वह भी तीनों प्रारूपों में खेल सकता है। लंबे समय के बाद भारत को ऐसा बल्लेबाज मिला है, जो सभी प्रारूपों में खेल सकता है।
उन्होंने कहा, ‘टीम में जगह बनाना काफी मुश्किल है और इन दोनों खिलाड़ियों को अगर टीम में जगह मिलती है तो उन्हें खुद को साबित करना होगा।’ 99 टेस्ट और 334 एकदिवसीय मैचों में भारतीय टीम का नेतृत्व करने वाले पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रत्येक प्रारूप के लिए अलग-अलग कप्तानी की भी वकालत की।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)