पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को अपने उत्तराधिकारी नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सार्वजनिक संवाद की गरिमा और कुर्सी की गंभीरता को कम करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रचार के आखिरी दिन लिखे एक खुले पत्र में सिंह ने कहा कि मोदी ने “सबसे क्रूर” प्रकार के नफरत भरे भाषण दिए हैं जो “पूरी तरह से विभाजनकारी” प्रकृति के हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं इस चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक विमर्श पर बारीकी से नजर रख रहा हूं।” उन्होंने आगे कहा, “मोदी जी ने सबसे क्रूर प्रकार के नफरत भरे भाषण दिए हैं, जो पूरी तरह से विभाजनकारी प्रकृति के हैं।”
उन्होंने कहा, “मोदी जी सार्वजनिक संवाद की गरिमा को कम करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं और इस तरह प्रधानमंत्री पद की गरिमा को भी कम किया है। अतीत में किसी भी प्रधानमंत्री ने समाज के किसी विशिष्ट वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के लिए इस तरह के घृणित, असंसदीय और असभ्य शब्दों का प्रयोग नहीं किया है।”
पिछले दस वर्षों में भाजपा सरकार ने पंजाब, पंजाबियों और पंजाबियत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
दिल्ली की सीमाओं पर महीनों तक लगातार इंतजार करते हुए 750 किसान, जिनमें से अधिकतर पंजाब के थे, शहीद हो गए। मानो लाठियों और रबर की गोलियों ने… pic.twitter.com/xJZQrsT3f8
— कांग्रेस (@INCIndia) 30 मई, 2024
सिंह ने इस वर्ष राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी रैली के दौरान मोदी द्वारा लगाए गए आरोपों का भी जवाब दिया कि पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश के संसाधनों पर मुसलमानों का “पहला अधिकार” है।
सिंह ने कहा, “उन्होंने मेरे ऊपर कुछ गलत बयान भी लगाए हैं।” उन्होंने आगे कहा, “मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं बताया। यह पूरी तरह से भाजपा का कॉपीराइट है।”
पत्र में सिंह ने किसानों के विरोध प्रदर्शन के मुद्दे पर मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने “पंजाब, पंजाबियों और पंजाबियत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।”
उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था, कोविड-19 के दौरान “दर्दनाक कुप्रबंधन” और अन्य मुद्दों के अलावा “घरेलू बचत में कमी” को लेकर भी सत्तारूढ़ भगवा पार्टी पर निशाना साधा।