भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घरेलू मैदान पर हराकर इतिहास रच दिया। कप्तान आयुष म्हात्रे के नेतृत्व में, भारतीय युवा टीम ने दो मैचों की यूथ टेस्ट सीरीज़ 2-0 से जीती।
मुख्य आकर्षण दूसरा टेस्ट था, जो सिर्फ 886 गेंदों तक चला, जिससे भारत को केवल दो दिनों में जीत का दावा करने का मौका मिला। इस प्रदर्शन ने 30 साल पुराने रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया और सबसे कम गेंदों में यूथ टेस्ट जीतने का एक नया मानदंड स्थापित किया।
वैभव सूर्यवंशी चमके
भारत की जीत में बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने अहम भूमिका निभाई। दो टेस्ट मैचों में एक शतक सहित 133 रन बनाने वाली उनकी पारी ने टीम के लिए एक ठोस आधार तैयार करने में मदद की। म्हात्रे की सामरिक कप्तानी और भारत के घातक गेंदबाजी आक्रमण के साथ, सूर्यवंशी के प्रदर्शन ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को संघर्ष करते हुए छोड़ दिया।
सभी प्रारूपों में प्रभुत्व
भारत का वर्चस्व यूथ वनडे सीरीज़ तक बढ़ा, जहां उन्होंने सभी तीन मैच जीते। जीत क्रमशः 7 विकेट, 51 रन और 167 रन से मिली। टेस्ट सीरीज में भारत ने पहला यूथ टेस्ट पारी और 58 रन से जीता था, जबकि दूसरा टेस्ट 7 विकेट से जीता था।
ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी ढह गई
आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को बल्ले से संघर्ष करना पड़ा, विशेषकर दूसरे टेस्ट में। वे पहली पारी में 135 रन ही बना सके, जिसमें एलेक्स ली यंग ने संघर्षपूर्ण 66 रन बनाए। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया 116 रन पर आउट हो गया, जिससे भारत को 81 रन का मामूली लक्ष्य मिला, जिसे उन्होंने तीन विकेट खोकर आसानी से हासिल कर लिया।
1995 का रिकॉर्ड तोड़ना
इस जीत ने भारत को वेस्टइंडीज के 1995 के रिकॉर्ड को तोड़ने में सक्षम बनाया, जब उन्होंने पाकिस्तान को फैसलाबाद में 992 गेंदों में हराया था। 886 गेंदों में इस ऐतिहासिक जीत के साथ, भारत के पास अब सबसे तेज यूथ टेस्ट जीत का रिकॉर्ड है।