भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने ODI विश्व कप 2023 से पहले टीम इंडिया के प्रदर्शन की समीक्षा बैठक के दौरान कुछ बड़े फैसले लिए। शीर्ष बोर्ड ने घोषणा की कि यो-यो टेस्ट और DEXA (दोहरी ऊर्जा एक्स-रे अवशोषणमिति) अब राष्ट्रीय टीम चयन के लिए अनिवार्य हैं।
पहले खिलाड़ियों को चयन से पहले केवल यो-यो टेस्ट से गुजरना पड़ता था, लेकिन अब राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए भी डेक्सा टेस्ट अनिवार्य है। राष्ट्रीय टीम में वापसी की कोशिश कर रहे चोटिल खिलाड़ियों को अब डेक्सा टेस्ट से गुजरना होगा। तो आइए जानते हैं कि डेक्सा टेस्ट क्या है और यह खिलाड़ियों के लिए क्यों जरूरी है।
बीसीसीआई मीडिया विज्ञप्ति के अनुसार, यो-यो टेस्ट और डेक्सा (दोहरी ऊर्जा एक्स-रे अवशोषकमिति) अब चयन मानदंड का हिस्सा होंगे और खिलाड़ियों के केंद्रीय पूल के लिए अनुकूलित रोडमैप में लागू किए जाएंगे। फिटनेस हासिल करने के बाद अब खिलाड़ियों को फिटनेस टेस्ट और एक खास तरह का एक्स-रे चेकअप कराना होगा।
डेक्सा टेस्ट क्या है?
डेक्सा स्कैन एक्स-रे तकनीक का उपयोग करता है जो हड्डी की ताकत को मापता है। इसके अलावा यह टेस्ट विकसित होने से पहले ही हड्डी में किसी तरह के फ्रैक्चर की संभावनाओं को बता देता है।
DEXA या डुअल-एनर्जी एक्स-रे अवशोषकमिति को अस्थि घनत्व परीक्षण भी कहा जाता है। यह एक विशेष प्रकार का एक्स-रे है जो किसी व्यक्ति/खिलाड़ी के अस्थि खनिज घनत्व को निर्धारित करता है। इस वैज्ञानिक विधि में दो प्रकार के बीम का उपयोग किया जाता है जिसमें एक उच्च ऊर्जा बीम और दूसरा कम ऊर्जा बीम होता है। दोनों बीम हड्डी के अंदर से होकर गुजरते हैं और एक्स-रे करते हैं। परीक्षण हड्डी की मोटाई और खनिज सामग्री को भी निर्धारित करता है। डॉक्टर एक्स-रे द्वारा बताए गए चार्ट के आधार पर अस्थि घनत्व को माप सकते हैं।
एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में, बीसीसीआई ने फैसला किया कि उभरते हुए खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में चयन के योग्य होने के लिए पर्याप्त घरेलू सीजन खेलना होगा। इसका मतलब यह है कि अगर कोई खिलाड़ी आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करता है तो उसे घरेलू क्रिकेट में भी काफी मैच खेलने होंगे।