नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) कांग्रेस के लिए परेशानी बढ़ती जा रही है, पार्टी के सूत्रों ने कहा कि उसे आयकर विभाग से नए नोटिस मिले हैं, जिसमें आकलन वर्ष 2014-15 से 2016-17 के लिए 1,745 करोड़ रुपये की कर मांग की गई है। .
इस ताजा नोटिस के साथ आयकर विभाग ने कांग्रेस से कुल 3,567 करोड़ रुपये की मांग की है.
सूत्रों के मुताबिक, ताजा टैक्स नोटिस 2014-15 (663 करोड़ रुपये), 2015-16 (करीब 664 करोड़ रुपये) और 2016-17 (करीब 417 करोड़ रुपये) से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने राजनीतिक दलों को मिलने वाली कर छूट समाप्त कर दी है और पूरे संग्रह के लिए पार्टी पर कर लगा दिया है।
सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसियों द्वारा छापे के दौरान कांग्रेस के कुछ नेताओं से जब्त की गई डायरियों में की गई “तीसरे पक्ष की प्रविष्टियों” के लिए भी कांग्रेस पर कर लगाया गया है।
मुख्य विपक्षी दल ने शुक्रवार को कहा कि उसे आईटी विभाग से नोटिस मिला है, जिसमें करीब 1,823 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया है. कर अधिकारियों ने पिछले वर्षों से संबंधित कर मांग के लिए पार्टी के खातों से 135 करोड़ रुपये पहले ही निकाल लिए हैं।
कांग्रेस ने 135 करोड़ रुपये की कर मांग के खिलाफ अदालत का रुख किया है और मामला सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में आने की संभावना है। पार्टी इस संबंध में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के उच्च न्यायालय से कोई राहत पाने में विफल रही है।
कांग्रेस नेताओं ने तर्क दिया है कि अन्य डायरियों में भाजपा नेताओं के नाम वाली इसी तरह की तीसरे पक्ष की प्रविष्टियों पर कोई कर नहीं लगाया गया है। उन्होंने भाजपा पर 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान “कर आतंकवाद” में शामिल होने और प्रमुख विपक्षी दल को आर्थिक रूप से पंगु बनाने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ऐसा करके वे चुनाव के दौरान समान अवसर को बिगाड़ रहे हैं। इसने इस संबंध में चुनाव आयोग से भी शिकायत की है और समान अवसर बनाए रखने का आग्रह किया है। पीटीआई एसकेसी एनएसडी एनएसडी
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