मध्य प्रदेश के इंदौर ने कांग्रेस की 2024 के लोकसभा चुनावों में ‘इनमें से कोई नहीं’ (नोटा) विकल्प को दिए गए सबसे ज़्यादा वोटों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इंदौर निर्वाचन क्षेत्र में 2 लाख से ज़्यादा ‘नोटा’ वोट दर्ज किए गए, जिसने नोटा विकल्प को दिए गए सबसे ज़्यादा वोटों के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। पिछला रिकॉर्ड 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान बिहार के गोपालगंज निर्वाचन क्षेत्र ने बनाया था।
भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की आधिकारिक वेबसाइट पर नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इंदौर में नोटा को 2,11,742 वोट मिले। इंदौर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भारतीय जनता पार्टी के शंकर लालवानी के बाद यह दूसरे सबसे अधिक वोट हैं, जिन्होंने रिकॉर्ड 12,26,751 वोटों के साथ जीत हासिल की और लगातार दूसरी बार सांसद बनने वाले हैं। इंदौर लोकसभा सीट से निर्दलीय समेत 13 अन्य उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे थे, जिन्हें नोटा से कम वोट मिले।