हरियाणा में कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए तोशाम से विधायक किरण चौधरी अपनी बेटी और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी के साथ भाजपा में शामिल होने जा रही हैं। बुधवार को सुबह 11 बजे दिल्ली में उनके भाजपा में शामिल होने की संभावना है। गौरतलब है कि हरियाणा में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं।
किरण चौधरी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, “श्रुति और मैं बुधवार को दिल्ली में भाजपा में शामिल होंगे।”
उन्होंने हुड्डा पर कटाक्ष करते हुए कहा, “उन्होंने मुझे एक कोने में धकेल दिया है। अपमान की एक सीमा होती है।” उन्होंने आगे कहा कि वह और श्रुति दोनों कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो जाएंगी।
कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने अपनी बेटी श्रुति चौधरी के साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और कल सुबह 10:30 बजे उनके भाजपा में शामिल होने की संभावना है।
किरण चौधरी पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पुत्रवधू हैं। pic.twitter.com/4ny4frGt4G
— आईएएनएस (@ians_india) 18 जून, 2024
किरण चौधरी ने कांग्रेस से असंतोष व्यक्त किया था क्योंकि उनकी बेटी को भिवानी महेंद्रगढ़ सीट से लोकसभा का टिकट नहीं दिया गया था। कांग्रेस ने इसके बजाय विधायक राव दान सिंह को चुना, जो चुनाव हार गए। सिंह ने बाद में चौधरी पर तोड़फोड़ का आरोप लगाया, जिस पर उन्होंने टिकट व्यवधान प्रक्रिया की आलोचना करते हुए कहा कि यह पार्टी की हार का कारण बना।
घोषणा से दो दिन पहले किरण चौधरी ने भिवानी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पार्टी छोड़ने का संकेत दिया। वह एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से आती हैं, उनके ससुर बंसी लाल हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
किरण और श्रुति चौधरी दोनों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। अपने त्यागपत्र में किरण ने पार्टी पर निजी जागीर की तरह काम करने का आरोप लगाया है, जिसमें ईमानदार आवाज़ों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि नेतृत्व ने उनके खिलाफ़ सुनियोजित तरीके से साजिश रची है। श्रुति चौधरी ने हरियाणा कांग्रेस की भी आलोचना की और दावा किया कि यह एक व्यक्ति पर केंद्रित हो गई है, जिससे पार्टी के हितों से समझौता हो रहा है।
किरण चौधरी ने ट्वीट किया, “चौधरी बंसीलाल और चौधरी सुरेन्द्र सिंह जी की विचारधारा के अनुरूप क्षेत्र और राज्य का विकास करना सदैव मेरी प्राथमिकता रहेगी।” इससे यह संकेत मिलता है कि कांग्रेस छोड़ने के बावजूद वह अपने राजनीतिक सिद्धांतों पर कायम हैं।