जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला आगामी विधानसभा चुनाव गंदेरबल निर्वाचन क्षेत्र से लड़ेंगे।
पार्टी के नेताओं सैयद रूहुल्लाह मेहदी और नासिर असलम वानी ने गंदेरबल जिले के नुनेर गांव में उमर अब्दुल्ला की मौजूदगी में यह घोषणा की। समाचार एजेंसी एएनआई.
उमर अब्दुल्ला ने पहले कहा था कि जब तक जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश रहेगा, वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार चुनाव हो रहे हैं।
अब्दुल्ला परिवार के गढ़ गंदेरबल में बोलते हुए उमर ने कहा, “विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद यह मेरी पहली प्रचार सभा है। यह दक्षिण कश्मीर में पहले चरण के मतदान वाले निर्वाचन क्षेत्रों में होनी चाहिए थी। यह एक संकेत हो सकता है।”
उन्होंने कहा, “मैं किसी से जनादेश छीनने या देने नहीं आया हूं, फैसला पार्टी और पार्टी अध्यक्ष को करना है। लेकिन मैं यह जरूर कहूंगा कि हम पार्टी कार्यकर्ताओं से सलाह किए बिना कोई फैसला नहीं लेंगे।”
अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने हमेशा विभिन्न पदों पर रहते हुए गंदेरबल के लोगों की सेवा करने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा, “आप लोगों ने मुझे बहुत सम्मान और प्यार दिया। मैं यह नहीं भूल सकता कि आपने मुझे तीन बार संसद भेजा। आपने मुझे छह साल तक विधायक के तौर पर आपकी सेवा करने दी। अगर मैंने 2014 में आपकी बात मानी होती तो मैं 2018 तक आपका विधायक होता, भले ही विपक्ष में होता। अब भगवान ही जानता है कि भविष्य में क्या होगा। लेकिन हमें कड़ी मेहनत करनी होगी।”
उमर ने पीडीपी से कहा, एनसी-कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार न उतारें
उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से जम्मू एवं कश्मीर की बेहतरी के लिए एनसी-कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने का आग्रह किया।
अब्दुल्ला की यह टिप्पणी महबूबा के उस बयान के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) गठबंधन उनकी पार्टी के एजेंडे को स्वीकार करता है तो पीडीपी उसे पूरा समर्थन देगी और चुनाव में सभी सीटें गठबंधन के लिए छोड़ देगी।
अब्दुल्ला 2009 से 2015 तक तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री रहे और अपनी पार्टी के अध्यक्ष भी रहे। वह तीन बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और गंदेरबल (2008-2014) और बीरवाह (2014-2019) विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
वह 2024 का लोकसभा चुनाव उत्तरी कश्मीर के बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से स्वतंत्र उम्मीदवार एर राशिद से हार गए, जो वर्तमान में आतंकी-वित्तपोषण गतिविधियों के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद हैं।
जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों में अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि कांग्रेस के साथ अधिकांश विधानसभा सीटों के लिए सीट बंटवारे की व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होंगे – 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर। मतों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी।