अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक सलाहकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने अपने जन सुराज अभियान को राजनीतिक पार्टी में बदलने का फैसला किया है। बिहार में नए विकल्प की वजह बताते हुए किशोर ने कहा कि बिहार में 50 फीसदी से ज्यादा लोग लालू-नीतीश और भारतीय जनता पार्टी से तंग आ चुके हैं और नए विकल्प की तलाश में हैं।
पिछले 18 महीनों से चलाए जा रहे अभियान के नाम पर अपनी पार्टी का नाम जन सुराज (सार्वजनिक सुशासन) रखते हुए किशोर इस वर्ष 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर इसे राजनीतिक पार्टी में परिवर्तित करेंगे।
किशोर ने कहा, “अगर बिहार में कोई सुधार करना है तो लोग एक नई पार्टी या एक नया विकल्प चाहते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि जनता पिछले 30 सालों से लालू, नीतीश और भाजपा से त्रस्त है। जनता देख रही है कि उनके जीवन में कोई सुधार नहीं हुआ है, लेकिन लोगों को यह तय नहीं है कि किसे वोट दें।”
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उन्होंने आगे कहा कि एक साधारण व्यक्ति अकेले पार्टी नहीं बना सकता। इस संबंध में, “जन सुराज लोगों की ताकत को एकजुट करने और एक विकल्प बनाने का अभियान है जिसे हर व्यक्ति खोज रहा है।”
उन्होंने कहा, “हमने अपने जीवन में दस वर्षों तक पार्टियों और नेताओं को सलाह दी कि वे अपनी पार्टी को कैसे संगठित करें, चुनाव कैसे लड़ें और जीतें। जो काम हम पार्टियों और नेताओं के लिए करते थे, वही काम अब हम बिहार के लोगों के लिए कर रहे हैं, कि कैसे लोग एकजुट होकर नई पार्टी बना सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “मेरी सलाह से नेताओं की जीत हुई और नेताओं के बच्चों की जीत हुई। अब मुझे विश्वास है कि मेरी सलाह से बिहार के लोग जीतेंगे और उनका जीवन बेहतर होगा।”