नई दिल्ली, जुलाई 28 (पीटीआई) सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्मण सेन, उनके परिवार के सदस्यों और कोच के खिलाफ एक देवदार को छोड़ दिया, और जन्म प्रमाण पत्र जालसाजी मामले में कोच। इससे पहले कर्नाटक सरकार और शिकायतकर्ता एमजी नागराज को नोटिस जारी किए गए थे, जिन्होंने आरोप लगाया था कि लक्ष्मण सेन और उनके भाई चिराग सेन के जन्म प्रमाण पत्र जाली थे।
शीर्ष अदालत ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के 19 फरवरी को चुनौती देने वाली एक दलील की सुनवाई की, जो कि सेन द्वारा दायर की गई थी। प्राइमा फेशियल साक्ष्य इस मामले में एक जांच का वारंट कर रहे हैं।
मामला नागराज द्वारा दायर एक निजी शिकायत से उपजा है, जिसने अपने भाई, कोच और कर्नाटक बैडमिंटन एसोसिएशन के एक कर्मचारी के साथ सेन के माता -पिता धीरेंद्र और निर्मला सेन पर आरोप लगाया था, "हेरफेर करता" जन्म रिकॉर्ड।