चीन ने बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक का राजनीतिकरण किया और क्यूई फाबाओ को खेलों का मशाल वाहक बनाने की घोषणा की। क्यूई फैबाओ वही सैनिक है जिसने गलवान संघर्ष का नेतृत्व किया था और इस दौरान घायल भी हुआ था।
इसके बाद, भारत ने खेलों के उद्घाटन और समापन समारोह का बहिष्कार किया। भारत का समर्थन करते हुए अमेरिका ने भी चीन के इस कदम को शर्मनाक करार दिया।
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